IPL को बॉयकॉट करो…इंजमाम ने उगला जहर, सभी बोर्ड को खिलाड़ी ना भेजने की दी सलाह

इंजमाम उल हक ने आईपीएल को बॉयकॉट करने की भविष्यवाणी

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड पाकिस्तान और अन्य क्रिकेट बोर्ड से आईपीएल को बॉयकॉट करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को विदेशी टी20 लीग के लिए नहीं भेजता है, तो अन्य बोर्ड को भी इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए।

विस्तार से जानिए इस मुद्दे पर इंजमाम उल हक की राय

इंजमाम ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, “चैंपियंस ट्रॉफी को अलग रखो, आप आईपीएल को देखें, जहां दुनिया के टॉप खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। भारतीय खिलाड़ी अन्य लीग में खेलने नहीं जाते हैं। इसलिए सभी बोर्ड को अपने खिलाड़ियों को आईपीएल में भेजने से रोकना चाहिए।”

इसके अलावा, उन्होंने इस मुद्दे पर और भी अपनी राय दी और कहा, “यदि आप अपने खिलाड़ियों को किसी भी लीग के लिए रिलीज नहीं करते हैं, तो क्या अन्य बोर्डों को भी कोई रुख नहीं अपनाना चाहिए?”

भारतीय क्रिकेटर्स की विदेशी लीग में भागीदारी

बीसीसीआई भारतीय पुरुष क्रिकेटर्स को विदेशी लीग में खेलने के लिए नहीं भेजता है, लेकिन संन्यास लेने के बाद वे विदेशी लीगों में भाग लेने की अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए, दिनेश कार्तिक ने पिछले साल संन्यास का ऐलान किया और उन्होंने एसए20 लीग में पार्ल रॉयल्स के लिए खेला। इसके साथ ही, युवराज सिंह और इरफान पठान जैसे खिलाड़ियों ने भी विभिन्न विदेशी लीगों में भाग लिया है।

इस तरह से, इंजमाम उल हक ने आईपीएल को बॉयकॉट करने की भविष्यवाणी की और इस मुद्दे पर उनकी राय का समर्थन किया है। यह मुद्दा क्रिकेट समुदाय में बहस का विषय बन गया है और उम्मीद की जा रही है कि इस पर जल्द ही एक समाधान निकाला जाएगा।

क्रिकेट खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय महत्व

क्रिकेट एक खेल है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रशंसा प्राप्त कर चुका है। यह एक खिलाड़ी के लिए एक बड़ा माध्यम है जिसके माध्यम से वे अपने कौशल को दिखा सकते हैं और अच्छी प्रदर्शन कर सकते हैं। विभिन्न देशों के खिलाड़ी अपनी कारियर को और बढ़ावा देने के लिए विदेशी लीगों में भाग लेते हैं।

इसके साथ ही, यह एक अच्छा मौका भी है जिसके माध्यम से उन्हें विभिन्न देशों की भाषा, संस्कृति और खेल की प्रक्रिया को समझने का अवसर मिलता है। इससे उनकी देशभक्ति और सांस्कृतिक जागरूकता में भी वृद्धि होती है।

क्रिकेट की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

क्रिकेट एक मानवीय खेल है जिसका प्रभाव अर्थव्यवस्था पर भी होता है। बड़े खिलाड़ी और लीगों के प्रमोशन से टीमों, खिलाड़ियों और खेल की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती है। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ जाते हैं और क्रिकेट उद्योग की स्थिरता में भी सुधार आता है।

विदेशी लीगों में भाग लेने से खिलाड़ियों को अधिकाधिक अवसर मिलते हैं और उनकी करियर में भी वृद्धि होती है। इससे उन्हें नये तकनीकियों, खिलाड़ी और टीम के द्वारा अनुभव करने का मौका मिलता है और वे अपनी क्षमताओं को निखार सकते हैं।

समाधान और सहमति की दिशा

इंजमाम उल हक जैसे पूर्व क्रिकेट के खिलाड़ियों की भविष्यवाणियों को महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन इसे एकमत से स्वीकार नहीं किया जा सकता। अंततः, खिलाड़ियों के और खेल संगठनों के बीच समझौते पर आमंत्रित किया जाना चाहिए ताकि क्रिकेट का एक सामंजस्यपूर्ण माहौल बन सके।

इसके लिए अच्छी तरह से योजना बनानी चाहिए और खिलाड़ियों के हित में समाधान निकालना चाहिए। खेल के समर्थन में सहमति प्राप्त करनी चाहिए और विदेशी लीगों के साथ भी सहयोग और समझौता करना चाहिए।

इस प्रकार, विदेशी लीगों के महत्व को समझने के लिए खिलाड़ियों, खेल संगठनों और उनके पूर्व खिलाड़ियों की भविष्यवाणियों का महत्व बढ़ गया है। इससे क्रिकेट का समृद्धिशील और सामंजस्यपूर्ण माहौल बनाने में मदद मिलेगी और खेल के मानकों और यातायात में सुधार किया जा सकेगा।

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